अपनी ख़ुशी के लिए तो सभी नाचते है लेकिन दूसरों के लिए नाचना आसान नहीं होता, पीहू कभी उनकी ख़ुशी के लिए नाचती थी जो अपने दिल के हाथों मज़बूर और शराब के सहारे अपनी ज़िन्दगी तलाशते है। पीहू का ये अतीत आज भी साये की तरह उसका पीछा नहीं छोड़ता।
यही कारण है की गांव का हर कोई मनचला पीहू को पा लेना चाहता है लेकिन ज़ब पीहू को चन्दन से मोहब्बत हो जाती है तब उसे लगता है की उसे उसकी जिंदगी मिल गई लेकिन ये ख़ुशी एक दिन सपने की तरह टूट कर बिखर जाती है ज़ब पीहू हालात के हाथों मज़बूर चन्दन की माँ माया पर उसकी ही बन्दूक से गोली चला देती है। ये कहानी ऐसे ही उलझे हुवे धागो का तानाबाना है जिसके हर सिरे में पीहू की जिंदगी उलझ कर रह जाती है।
यह भूमिका बताते हुए, अगले महीने से शूट के लिए तैयार फ़िल्म “इस देश न आना पीहू” के लेखक व निर्देशक एल के कान्तेश ने बताया यह फ़िल्म मिशन शक्ति और नारी सशक्तिकरण की मिसाल पेश करेगी। निर्माता मनीष नागर ने फ़िल्म के हीरो जय यादव और हीरोइन कनिष्का त्रिवेदी का परिचय कराते हुए कहा कि कानपुर, उन्नाव और आस पास क्षेत्रों में फ़िल्म का शूट अगले महीने से शुरू हो जाएगा। सह निर्माता अम्बरीश वर्मा, डॉ मनीष सेंगर और राजू शेख ने कहा स्थानीय कलाकारों को भी समुचित स्थान फ़िल्म में देकर उत्तर प्रदेश में फ़िल्म निर्माण को बढ़ावा देने की कोशिश की गयी है।
कार्यक्रम का संयोजन कर रहे मीडिया प्रभारी प्रमोद त्रिपाठी ने टीम सदस्यों के साथ फ़िल्म का पोस्टर लांच कराया। निर्माता मंडल से महेश उपाध्याय ने कहा कि इस फ़िल्म के निर्माण से समाज को आइना दिखाने का काम किया जा रहा है। अभिनेता जय यादव ने कहा यू पी में ज्यादा से ज्यादा काम करना चाहता हूं ताकि फ़िल्मो में यहां के नवोदित कलाकारों को भरपूर काम मिल सके। निर्माता मनीष नागर, महेश उपाध्याय व अभिनेता जय यादव, निर्देशक एल के कान्तेश ने सभी के प्रति आभार जताते हुए बताया उड़ान एंटरटेनमेंट और एम एस कबीर फ़िल्म्स के सहयोग से जय यादव फ़िल्म्स के बैनर तले इस फ़िल्म का प्रोडक्शन किया जा रहा है।