- आवारा गोवंशों को रूरा और आसपास गांव की गौशालाओं में आश्रय दिलाने के प्रति सीएम की लाख कोशिशों के बाद भी संबंधित विभागों के अधिकारियों कर्मचारियों की घोर लापरवाही सामने नजर आ रही है। कस्बा से लेकर गांव के खेतों में घूमने वाले गोवंश भूसा और हरे चारे की जगह कूड़ा कचरा खाकर और गंदा पानी पीकर पेट भर रहे हैं वहीं गांवों में आवारा गोवंशों के झुंड के झुंड किसानों की फसलें खाकर और रौंदकर बर्बाद कर रहे हैं।
- पिछले लंबे अर्से से शासन के निर्देशों के मुताबिक जिले में आवारा घूमने वाले गोवंशों को गौशालाओं में आश्रय दिलाया जाना निर्धारित था और इसके लिए जिलाधिकारी आलोक सिंह द्वारा भी संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश भी जारी किए गए थे इसके बावजूद संबंधित विभागों के अधिकारियों की उदासीनता के चलते आवारा गोवंशों की समस्या किसानों के साथ आम लोगों को भी परेशान करती नजर आ रही है। गौशालाओं में जो आवारा गोवंश आश्रय भी पा रहे हैं वह भी भूख प्यास, बीमारी और गंदगी से जूझते नजर आ रहे हैं।
- गौशालाओं की जांच के लिए किसी मंत्री या आला अधिकारियों के क्षेत्र में आने पर संबंधितअधिकारी आनन-फानन रातों रात एक दो गौशालाओं को चिन्हित कर उन्हें चकाचक कर मंत्रियों व अधिकारियों की नजर में सब ठीक-ठाक कर देते हैं जबकि हालात यह हैं कि शहर ही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी निराश्रित गोवंशों के झुंड के झुंड घूमते दिख रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में गोवंशों के झुंड खेतों में खड़ी फसलें और सड़क किनारे खड़ी घास-फूस खाकर अपनी भूख मिटा रहे हैं। जिले में करोड़ों की फसल अत्रा मवेशियों का निवाला बन चुकी है या बन रही है। कस्बों गांवों के किसान अन्ना मवेशी से ज्यादा पीड़ित है।
- किसानों ने अरहर, मटर, चना सब्जी की फसलों के उत्पादन से तौबा कर ली है। कस्बा में गोवंशों का और भी बुरा हाल है। गोवंशों के झुंड घरों और गली-मोहल्लों में पड़े कूड़े कचरे को खाकर अपना पेट भर रहे है जिससे गोवंश कई प्रकार की गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं और इसके बावजूद संबंधित विभागों के अधिकारी अनजान से बने नजर आ रहे हैं जिससे गोवंशों को गौशालाओं में आश्रय दिलाने के सख्त निर्देश धूल चाटते नजर आ रहे हैं। यही नहीं जनचर्चा तो आम यह है कि जिले के संबंधितअधिकारी गौशालाओं में सभी गोवंशों को पहुंचाने के फर्जी आंकड़े देकर शासन व उच्चाधिकारियों की भी गुमराह कर रहे हैं।
- आवारा गौवंश खेतों पर जहां फसलें उजाड़ते है वहीं रखवाली करने वाले किसानों के साथ हिंसक वारदातें करने में भी नहीं चूक रहे हैं। सड़कों पर स्वच्छंद विचरण कर रहे गोवंशों के कारण बड़ी दुर्घटनाएं भी हो रही हैं। जिलाधिकारी आलोक सिंह द्वारा फिर एक बार गौशालाओं की दुर्दशा सुधारने के साथ आवारा गोवंशों को गौशालाओं में आश्रय दिलाने के प्रयास शुरू किए गए हैं लेकिन संबंधित कर्मचारियों की लापरवाही से यह प्रयास कारगर साबित होते नहीं दिख रहे हैं। अंबरपुर में गौशाला का निर्माण जोरों पर है, टीन शेड डालने का काम चल रहा है। जल्द ही गौवंश और अन्ना जानवरों से क्षेत्र को निजात मिलेगी।
मनीष कुमार, ईओ रूरा