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शिक्षक सहानुभूति के बजाय परानुभूति को अपनाये : डॉक्टर साधना यादव

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कानपुर: डी.बी.एस.पी.जी. कॉलेज में दिनाँक शुक्रवार को छात्रों के’ मानसिक स्वास्थ्य’ और कल्याण के प्रति शिक्षकों को ‘संवेदनशील’ बनाने के विषय पर एक सफल कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ ज्ञान और बुद्धि के आशीर्वाद का आह्वान करते हुए एक शांत सरस्वती वंदना के साथ हुआ। प्राचार्य प्रो. अनिल कुमार मिश्रा ने अपने स्वागत भाषण में कहा, शिक्षक छात्रों के जीवन में मार्गदर्शक होते हैं, और उन्हें छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशील होना आवश्यक है।

कार्यशाला की संयोजक डॉ. अनीता निगम ने “विषय प्रवर्तन” प्रस्तुत करते हुए आज के शैक्षिक परिदृश्य में छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को संबोधित करने की महत्वपूर्ण आवश्यकता को रेखांकित किया।
जुहारी देवी गर्ल्स पी.जी. कॉलेज की मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्षा एवं कार्यक्रम की मुख्य वक्ता डॉ. साधना यादव ने कहा की विद्यार्थियों के मानसिक स्वस्थ्य संवर्धन के लिए ये जरुरी है की शिक्षक पहले खुद को मानसिक रूप से स्वस्थ्य रखे, ताकि वे अपने विद्यार्थियों को बेहतर तरीके से समझ सकें ! शिक्षकों को सहानुभूति के बजाय परानुभूति को अपनाना चाहिए। अर्थात शिक्षक विद्यार्थियों की समस्याओं के प्रति केवल दया भाव न दिखाएं, बल्कि उन्हें समझें और व्यक्तिगत रूप से महसूस भी करें।