Download App from

Follow us on

‘गीता के ज्ञान’ को घर-घर तक पहुंचा रहे हैं डॉ. उमेश पालीवाल…

Spread the News
श्रीमद्भगवदगीता वैदिक न्यास एवं श्रीकृष्ण कृपा सेवा समिति के संयुक्त तत्वावधान में परमपूज्य गीता मनीषी स्वामी श्री ज्ञानानंद जी महाराज के सानिध्य में गीता संगोष्ठी हुयी तथा स्वामी जी का ओजस्वी एवं प्रेरणादायी उद्बोधन एवं मार्गदर्शन ओंकारेश्वर विद्या मन्दिर के प्रांगण में प्राप्त हुआ।
गीता संगोष्ठी में श्री ज्ञानानंद जी ने बताया कि श्री गीता जी के द्वारा ही समाज, राष्ट्र एवं विश्व में शान्ति का प्रतिपादन किया जा सकता है। स्वामी श्री ज्ञानानंद जी ने गीता के तीसरे अध्याय के 21वं श्लोक की व्याख्या करते हुये कहा कि समाज में श्रेष्ठजनों के आचरणों का अनुसरण ही समाज करता है और श्रेष्ठता, सद्भाव एवं सुकर्मों में ही आती है तथा उनके अच्छे कर्म एवं आचरण ही अनुकरणीय होता है न कि बड़े - बड़े उपदेश। उन्होने यह भी कहा कि आसक्ति, प्रतिष्ठा, पद एवं पदार्थ (भौतिक साधन) में नही बल्कि कर्तव्य निष्ठा में होनी चाहिये। विज्ञान अभी तक भौतिक शरीर को ही पूरी तरह नही समझ पाया उसके आगे कारण शरीर व आत्मा तो अभी बहुत दूर है।अशान्तिकाल में उदभाषित गीता ने उस समय पूरे विश्व को राह दिखायी थी आज के परिप्रेक्ष्य में वही परिस्थितियां हैं इसलिये आज के समय में श्रीमद्भगवदगीता अशान्त विश्व के लिये प्रासंगिक हो गयी है। विश्व में सम्पूर्ण शान्ति का आधार गीता ही है।

संगोष्ठी की अध्यक्षता कैप्टन जगतवीर सिंह दोण (पूर्व महापौर) ने की तथा मुख्य अतिथि पं0 नरेन्द्र शर्मा ने गऊ, गंगा, गीता, गायत्री, गोविन्द की महत्ता को बताते हुये इनसे स्वामी ज्ञानानंद जी को जोड़ा। श्री मणी प्रसाद मिश्रा (पूर्व गृह सचिव उ0प्र0) जो कि जीयो गीता के प्रदेश संयोजक है ने 23 नवम्बर 2025 को लखनऊ के रमाबाई मैदान में एक लाख से अधिक लोगों के सामूहिक गीता पाठ व उसमें होने वाले अन्य कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में रमेश चिन्तक जी ने भी गीता एवं अन्य वैदिक साहित्य की महत्ता के बारे में बताया। अन्त में कार्यक्रम के संयोजक डा0 उमेश पालीवाल ने स्वामी जी को कानपुर व आस-पास के जिलों में व्यापक रूप ले रहे गीता आन्दोलन को शुरूआत से ही मार्गदर्शन देने का धन्यवाद दिया तथा आगे भी सभी को प्रेरित करने का आग्रह किया, इसी के साथ उन्होने 23 नवम्बर के लखनऊ के कार्यक्रम में सभी जागरूक व प्रबुद्वजनों को लखनऊ चलने का आवहान किया ।


ज्ञात हो कि 23 नवम्बर के कार्यक्रम में माननीय सर संघसचांलक श्री मोहन भागवत जी ने आने की सहत्र अनुमति दे दी है तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने भी आने व सहयोग का आश्वासन दिया है।
इस कार्यक्रम में नन्द किशोर मिश्रा जी एवं डा0 अंगद सिंह जी ने विशेष सहयोग दिया तथा मंच संचालन श्री अवधबिहारी मिश्रा जी ने किया। कार्यक्रम में श्री सुधीर मिश्रा, डा. बलराम नरूला, प्रधानाचार्य परिषद के अध्यक्ष डा0 गिरीश मिश्रा, डा0 मनप्रीत सिंह,डा0 दिलीप सरदेसाई, कमल त्रिवेदी, अखिलेश शुक्ला, अशोक तिवारी, अमरनाथ, अनिल गुप्ता, विमलेश शंकर अवस्थी, अरूण सिंह, राजेन्द्र अवस्थी, के.के. शुक्ला, पूजा अवस्थी, आदि गीतानुरागी भक्तजन उपस्थित रहे

> Related News