कानपुर

आतंकियों के साथ पाक मिलिट्री के मिलने का भारतीय सेना दे रही करारा जवाबः मेजर योगेन्द्र सिंह कटियार

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Major YS Katiyar discusses the Indian Army response to terrorism and Pakistan’s support to militants, highlighting strategic actions, national security, and the need for long-term solutions.

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-सेना के रिटायर्ड मेजर योगेंद्र सिंह कटियार ने दीनार टाइम्स से की एक्सक्लुसिव बातचीत

अंजनी निगम, डीटीएनएन

कानपुर, बिल्हौर के मूल निवासी सीडीएस के माध्यम से 1999 सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर भर्ती हुए योगेन्द्र सिंह कटियार की पहली पोस्टिंग कश्मीर के राजौरी में मराठा लाइट इन्फेन्ट्री में हुई. सीमा के ऑपरेशन में 2001 में बुरी तरह से घायल होने के बाद कुछ समय और भारतीय सेना की सेवा करने के बाद 2009 में मेजर के पद से सेवानिवृत्ति ले ली. वर्तमान में योगेन्द्र सिंह डिफेंस के लिए आपूर्ति करने वाले कुछ सामानों का उत्पाद करने के साथ ही समाज की सेवा में लगे हैं. इंडियन एक्स सर्विस मेन लीग के अध्यक्ष मेजर योगेन्द्र सैनिक कल्याण बोर्ड से संबद्ध जिला सैनिक कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष हैं. घाटमपुर में महिलाओं को स्वावलम्बी बनाने के लिए सिलाई केंद्र का संचालन भी कर रहे हैं.

प्रश्न – पाकिस्तान की तरफ से लगातार गोला बारी और मिसाइल दागने के जवाब में भारतीय सेना की कार्रवाई को किस रूप में देखते हैं?


उत्तर – भारतीय सेना भावुकता या उत्तेजना में कोई कार्य कभी नहीं करती है बल्कि उसकी रणनीति धीरे धीरे स्थितियों पर पूरी तरह से नियंत्रण करने की है. भारतीयों को इस बात का दर्द होता है कि उनके आतंकी तो भाड़े के हैं जो किसी तरह घुसपैठ कर भारत में आ गए और पहले उन्होंने हमारी सेना के जवानों को मार दिया. जब उनके शव तिरंगे में लिपट कर गांव शहरों में जाते हैं तो पूरे समाज पर बहुत ही गहरा प्रभाव पड़ता है. मनोवैज्ञानिक रूप से यहां का समाज टूट सा जाता है जबकि दूसरी ओर उनके भेजे आतंकी भाड़े के होते हैं जो पहले ही अपना घर और समाज छोड़ चुके हैं, इनके मरने पर समाज को कोई दर्द नहीं मिलता है. इनका तो मुख्य उद्देश्य दहशत फैलाने के साथ ही हमें मानसिक रूप से तोड़ना होता है. इनके स्लीपिंग सेल जम्मू और कश्मीर दोनों ही जगहों पर एक्टिव रहते हैं, पहले जम्मू संभाग के आठ जिलों में हमेशा शांति रहती थी, दो में ही इनकी हरकत थी इसी तरह कश्मीर संभाग के चार-पांच जिलों में इनकी सक्रियता रहती थी. दो साल से इन्होंने शांत क्षेत्रों में छोटे-छोटे आक्रमण शुरु किए हैं दूसरे इनका टूरिज्म की तरफ एक्टिव होना बिना मिलिट्री सपोर्ट के नहीं संभव है. हमारे सुरक्षा बलों ने निर्णय के अनुसार पहले आतंकी केंद्रों को टारगेट किया जिसके परिणाम स्वरूप वहां की मिलिट्री जो आतंकियों को ट्रेंड कर रही थी, खुद ही एक्टिव होकर फायरिंग करने लगी जिसका करारा जवाब दिया जा रहा है.

प्रश्न – पाकिस्तान के अंदरूनी हालात आपकी नजर में कैसे हैं ?


उत्तर – पाकिस्तान के अंदरूनी हालात बहुत ही खराब है, वहां की जनता का अपनी सेना और सरकार से भरोसा उठ चुका है. वहां के सभी प्रांतों में किसी न किसी कारण से संघर्ष चल रहा है चाहे वह खैबर पख्तून हो या सिंध, पंजाब व बलूचिस्तान, सी जगहों पर कुछ न कुछ चल रहा है. उनकी आर्थिक स्थिति भी बहुत खराब है. बीते एक साल से इन्हीं बातों को लेकर पाकिस्तान की मिलिट्री पर काफी आक्षेप लग रहे थे जिसे देखते हुए ही वहां की मिलिट्री इस तरह की घटनाएं करा रही है ताकि जनता मिलिट्री का साथ दे. वहां की मिलिट्री के जनरल और बड़े अफसर सुरक्षा के बजाए पैसा कमाने में लगे थे जबकि वहां की आम जनता गरीबी में जीने को मजबूर है जिसके कारण सेना के अफसरों पर सवाल उठ रहे थे. अब भारत के साथ युद्ध की स्थिति में वहां की जनता फिर मिलिट्री के साथ हो गयी है.

प्रश्न – भारत का आमजन कुछ बड़ा देखना चाहता है, आपकी इस मामले में क्या राय है ?


उत्तर – कुछ क्षण सोचने के बाद मेजर योगेन्द्र बोले, यह सही है जनमानस चाहता है कि एक दो स्ट्राइक होने से काम नहीं चलेगा, अब पाकिस्तान का परमानेंट सोल्यूशन निकालना होगा. आतंकियों के आश्रय दाता, उन्हें आर्थिक सहायता देने वालों की कमर तोड़नी होगी तभी उन्हें उस दर्द का अहसास होगा जो हम झेलते हैं.

प्रश्न – सरकार को युद्ध का मुकाबला करने के साथ और कैसी स्ट्रेटजी अपनाना चाहिए ?


उत्तर – भारतीय सेनाएं तो अपनी पूरी क्षमता के साथ दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दे ही रही हैं, सरकार को भी चाहिए कि वह नए सैनिकों की भर्ती की ओर ध्यान दे और अग्निवीर या अन्य किसी योजना में यदि कहीं कोई कमी नजर आए तो उसे शीघ्रता से दुरुस्त करे.

प्रश्न – युद्ध की स्थिति में कानपुर कैसा क्षेत्र है ?


उत्तर – कानपुर नगर अत्यंत संवेदन शील है क्योंकि यहां पर एयरफोर्स और मिलिट्री का बेस होने के साथ ही रक्षा कारखाने, आर्डनेंस बोर्ड, इंडियन ऑयल आदि हैं जिन्हें टारगेट किया जा जा सकता है. यह सही है कि हमारी सेनाएं बहुत ही क्षमतावान और समर्पित हैं किंतु युद्ध की स्थिति में किसी भी दुश्मन को कमजोर समझने की भूल नहीं करनी चाहिए.

प्रश्न – जनता के लिए कोई संदेश ?
उत्तर – इस समय जनता को बहुत ही समझदारी का परिचय देना होगा, गली मोहल्ले में संदिग्ध व्यक्ति के दिखने पर तुरंत ही संबंधित पुलिस को सूचना दें. सार्वजनिक स्थानों जैसे अस्पताल, भीड़ भाड़ वाले आयोजनों में भोजन बनाने की जगह, पानी की टंकी आदि पर अनजान लोगों को न जाने दें. और सबसे बड़ी बात अफवाहों पर ध्यान न दें, भारतीय सेनाएं हर स्थिति का मुकाबला करने में सक्षम हैं.

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