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ताज़ा कीं भाई-बहनों के साथ जुड़ीं यादें!

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हर साल मनाया जाने वाला सिब्लिंग्स डे, भाई-बहनों के उस गहरे और अटूट रिश्ते को समर्पित होता है जो ज़िंदगी भर साथ रहता है। इसी जज़्बे को सेलिब्रेट करते हुए ज़ी टीवी के कई कलाकारों ने अपने भाई-बहनों के साथ जुड़ीं कुछ प्यारी यादें ताजा कीं। आइए जानते हैं क्या कहते हैं ये सितारे… ‘भाग्य लक्ष्मी‘ में लक्ष्मी का किरदार निभा रहीं ऐवर्या खरे ने कहा, ‘‘दो बहनों के साथ बड़ी होना ऐसा है जैसे ज़िंदगी भर के लिए दो बेस्ट फ्रेंड्स साथ मिल गए हों।

हमने बचपन से अब तक कपड़े, गहरे राज़ और एक दूसरे के ख्वाब, सबकुछ शेयर किए।‘‘ ‘जमाई नं. 1‘ में नील का किरदार निभा रहे अभिषेक मलिक ने कहा, ‘‘बड़ी बहन होना मतलब दूसरी मां, बेस्ट फ्रेंड और क्राइम पार्टनर – ऑल इन वन! मेरे एक्टिंग के फैसले से लेकर ज़िंदगी के हर उतार-चढ़ाव में वो हमेशा मेरी सबसे बड़ी सपोर्टर रही हैं।’‘‘जागृति – एक नई सुबह‘ में कालीकांत ठाकुर के रोल में नजर आ रहे आर्य बब्बर ने कहा, ‘‘भाई-बहन सिर्फ परिवार नहीं होते, वो हमारे पहले दोस्त, सबसे बड़े सपोर्ट सिस्टम होते हैं और बचपन की यादों के रखवाले भी।

मेरी बहन जूही मेरी ताक़त, मेरी गाइड और मेरी मुस्कुराहट की वजह है।‘‘ ‘कुमकुम भाग्य‘ में रौनक का किरदार निभा रहे अक्षय देव बिंद्रा ने कहा, ‘‘मेरे लिए भाई-बहन एक ही सिक्के के दो पहलू होते हैं।‘‘ ‘कैसे मुझे तुम मिल गए‘ में विराट का किरदार निभा रहे अर्जित तनेजा ने कहा, ‘‘मेरे लिए परिवार के साथ वक़्त बिताना, ख़ासतौर पर अपनी बहन के साथ, सबसे बढ़िया क्वालिटी टाइम होता है। हमारा रिश्ता ड्रामा और ह्यूमर से भरा हुआ है, जिसमें ढेर सारी नोक-झोंक भी शामिल है!‘‘ ‘वसुधा‘ में वसुधा का किरदार निभा रहीं प्रिया ठाकुर ने कहा, ‘‘अपने छोटे भाई के साथ बड़ी होना ऐसा था जैसे हमेशा एक बेस्ट फ्रेंड पास में हो। मुझे आज भी याद है वो हर जगह मेरे पीछे-पीछे घूमता था, जो मैं करूं वही कॉपी करता था।‘‘

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