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152 जीआई टैग उत्पादों वाला देश का पहला राज्य बनेगा उत्तर प्रदेश

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UP GI products will increase to 152 by 2025 as the Yogi government fast-tracks recognition and awareness. MSME to boost local crafts and authorized user base across the state.

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– मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में जीआई उत्पादों की संख्या बढ़ाने के लिए कार्ययोजना तैयार
– एमएसएमई विभाग ने तैयार की विस्तृत रणनीति, 2025-26 तक 75 नए उत्पादों को दिलाया जाएगा GI टैग


वर्तमान में 77 GI टैग प्राप्त उत्पाद

उत्तर प्रदेश वर्तमान में 77 GI टैग प्राप्त उत्पादों के साथ देश में अग्रणी राज्य है। बनारसी साड़ी, लखनऊ चिकनकारी, फिरोजाबाद की कांच कला, और कन्नौज का इत्र जैसे उत्पाद न सिर्फ देश में बल्कि वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान रखते हैं।


🎯 2025-26 तक 152 GI टैग उत्पादों का लक्ष्य

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर तैयार की गई कार्ययोजना के तहत सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2025-26 तक 75 अतिरिक्त उत्पादों को जीआई टैग दिलाया जाए। इसमें से 25 उत्पादों के लिए आवेदन GI रजिस्ट्री (चेन्नई) में फाइल किया जा रहा है।

👉 यह उपलब्धि यूपी को देश का पहला ऐसा राज्य बना देगी जिसके पास कुल 152 GI टैग उत्पाद होंगे


📈 उद्यमियों को मिलेगा GI ऑथोराइज्ड यूजर का दर्जा

सरकार का फोकस सिर्फ जीआई उत्पादों की संख्या बढ़ाने पर नहीं है, बल्कि उनके प्रचार-प्रसार और अधिक से अधिक उद्यमियों को GI ऑथोराइज्ड यूजर्स के रूप में पहचान देने पर भी है।

➡️ इससे न केवल पारंपरिक कारीगरों को सशक्त किया जाएगा, बल्कि GI उत्पादों की प्रामाणिकता और बाज़ार में विश्वसनीयता भी बढ़ेगी।


🤝 ह्यूमन वेलफेयर एसोसिएशन के साथ होगा एमओयू

एमएसएमई विभाग GI उत्पादों के प्रचार और उनके ऑथोराइज्ड यूजर्स की संख्या बढ़ाने के लिए ह्यूमन वेलफेयर एसोसिएशन जैसी विशेषज्ञ संस्था के साथ एमओयू पर काम कर रहा है। यह समझौता कई मायनों में महत्वपूर्ण होगा:

  • GI टैग की प्रक्रिया को गति देना
  • उत्पादों की पहचान को कानूनी सुरक्षा
  • नकली या अनधिकृत उपयोग पर रोक
  • ग्रामीण और पारंपरिक कारीगरों को बढ़ावा


🌍 स्थानीय से वैश्विक तक पहुंच

जीआई टैग से जुड़े उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक ब्रांड पहचान मिलती है। इससे उनके निर्यात, विपणन, और स्थानीय विकास में बड़ी मदद मिलती है।

➡️ सरकार का उद्देश्य है कि GI उत्पादों को सिर्फ पहचान ही नहीं, बल्कि स्थायी आजीविका का साधन भी बनाया जाए।


🔚 निष्कर्ष

योगी सरकार की यह पहल “लोकल फॉर ग्लोबल” विजन को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यूपी जल्द ही भारत का पहला राज्य होगा जिसके पास 152 GI टैग प्राप्त उत्पाद होंगे, जिससे न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा बल्कि कारीगरों को भी नई पहचान मिलेगी।

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