वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल ₹5,568 करोड़ की वसूली
राजस्व बढ़ा, नगर निकाय हुए ज्यादा आत्मनिर्भर
मथुरा और झांसी जैसे छोटे शहरों ने सबसे ज्यादा कमाई बढ़ाई
पिछले 4 सालों में 123% की जबरदस्त बढ़ोतरी
लखनऊ, 02 अप्रैल:
उत्तर प्रदेश के नगर निकायों ने 2024-25 में शानदार प्रदर्शन करते हुए ₹5,568 करोड़ की कमाई की है। यह पिछले साल की तुलना में 44.5% ज्यादा है। नगर विकास विभाग के 17 बड़े नगर निगमों ने अकेले ₹4,586 करोड़ जुटाए, जबकि लक्ष्य ₹4,140 करोड़ था — यानी 11% ज्यादा।
छोटे शहरों की बड़ी उपलब्धि
बड़े शहरों की तुलना में छोटे शहरों की कमाई ज्यादा बढ़ी।
मथुरा ने 106% और झांसी ने 85% की बढ़त दर्ज की।
- मथुरा – 106% की बढ़त
- झांसी – 85% की बढ़त
- गाजियाबाद – 72% की बढ़त
टैक्स और नॉन-टैक्स कमाई में जबरदस्त उछाल
- टैक्स से कमाई ₹2,235.48 करोड़ से बढ़कर ₹2,870.4 करोड़ हुई (28% की वृद्धि)
- नॉन-टैक्स कमाई ₹904.73 करोड़ से बढ़कर ₹1,715.27 करोड़ हो गई (90% की वृद्धि)
गाजियाबाद में नॉन-टैक्स कमाई 336% बढ़ी, जबकि मुरादाबाद में 29% की गिरावट आई।
सबसे ज्यादा कमाई करने वाले शहर
- लखनऊ – ₹1,355.32 करोड़
- कानपुर – ₹720.62 करोड़
- गाजियाबाद – ₹609.89 करोड़
नॉन-टैक्स में सबसे तेज बढ़त
- गाजियाबाद – 336% की बढ़त
- मथुरा और झांसी – तेज़ विकास दर
4 सालों में कमाई दोगुनी से ज्यादा हो गई
UP के सभी 762 शहरों — जिनमें नगर निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतें शामिल हैं — ने पिछले 4 सालों में लगातार कमाई बढ़ाई है:
- 2021-22 – ₹2,494.42 करोड़
- 2022-23 – ₹2,915.01 करोड़
- 2023-24 – ₹3,853.23 करोड़
- 2024-25 – ₹5,568 करोड़
राजस्व बढ़ा तो शहरी विकास भी होगा तेज
- सफाई, हवा की गुणवत्ता में सुधार
- बेहतर सड़कें, पानी की सप्लाई और कचरा प्रबंधन
- पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सुधार
- खुद की कमाई बढ़ने से केंद्र सरकार से भी ज्यादा मदद मिलेगी – जैसे NCAP और 15वें वित्त आयोग की योजनाएं
“हर ₹1 कमाई पर कई गुना मदद मिलेगी”
नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने कहा:
“राजस्व बढ़ने से नगर निकाय खुद पर निर्भर हो रहे हैं। जितना ज्यादा कमाएंगे, उतनी ज्यादा केंद्रीय मदद मिलेगी। इससे शहरों में सुविधाएं और बेहतर होंगी।”