जर्जर मकान की छत गिरने से युवक की मौत, परिजनों में मचा कोहराम
कानपुर देहात के जसवंतपुर गांव में एक दर्दनाक घटना में जर्जर मकान की छत गिरने से एक युवक की मौत हो गई। इस घटना ने परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है, खासकर उसकी पत्नी और दो नाबालिग बच्चों को, जो अब बेसहारा हो गए हैं।
घटना का विवरण
शुक्रवार सुबह लगभग 8 बजे, शिवली कोतवाली क्षेत्र के जसवंतपुर गांव के मजरा कछियनपुरवा निवासी विमलेश कुमार अपने पुराने और जर्जर मकान में कुछ सामान ढूंढने गए थे। जैसे ही वह कमरे के अंदर गए, अचानक ईंटों से बनी छत भरभराकर गिर गई। विमलेश मलबे में दब गए और उनकी मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई।
परिवार पर मुसीबतों का पहाड़
विमलेश की मौत ने उनके परिवार को तबाह कर दिया है। वह अपने परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे। उनकी पत्नी हेमंती और दो नाबालिग बच्चे, 10 वर्षीय सौरभ और 6 वर्षीय ऋषभ, अब बेसहारा हो गए हैं। हेमंती का कहना है कि उनके ससुर की पिछले जुलाई में मृत्यु हो चुकी थी, और विमलेश उनकी जमीन का नामांकन कराने के लिए तहसील के चक्कर काट रहे थे। लेकिन अब विमलेश की मौत के बाद, बच्चों के भविष्य को लेकर चिंता और बढ़ गई है।
तहसील प्रशासन की लापरवाही
हेमंती ने बताया कि विमलेश अपने पिता की जमीन का नामांकन कराने के लिए तहसील के चक्कर लगा रहे थे, लेकिन राजस्व लेखपालों की लापरवाही के कारण यह काम पूरा नहीं हो सका। अब विमलेश की मौत के बाद, बच्चों के नाम जमीन का नामांकन कराना और भी मुश्किल हो गया है।
पुलिस की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। एसआई धर्मेंद्र सिंह ने पंचायतनामा तैयार करने के बाद विमलेश के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
निष्कर्ष
यह घटना न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में जर्जर इमारतों की खराब स्थिति को उजागर करती है, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार की ओर भी इशारा करती है। विमलेश के परिवार को तत्काल आर्थिक और कानूनी सहायता की आवश्यकता है ताकि उनकी पत्नी और बच्चों का भविष्य सुरक्षित हो सके।