- कानपुर ग्रामीण के जिला अध्यक्ष उपेंद्र पासवान ने दीनार टाइम्स से की एक्सक्लुसिव बातचीत
- ग्रामीण जिला अध्यक्ष उपेन्द्र पासवान ने हर प्रश्न का दिया बेबाकी से उत्तर, पार्टी के विधायक को जीतने का संकल्प
अंजनी निगम, डीटीएनएन
कानपुर , भाजपा ग्रामीण जिले में घाटमपुर, बिल्हौर और बिठूर विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें से बिल्हौर और बिठूर में भाजपा तथा घाटमपुर में गठबंधन विधायक हैं. लोकसभा के लिहाज से ग्रामीण जिला अकबरपुर और मिश्रिख सीटों को कवर करता है. 16 मंडलों के बीच बटे क्षेत्र में … बूथ हैं. परिसीमा की दृष्टि से ग्रामीण जिले का विस्तार सात जिलों कानपुर नगर, कानपुर देहात, कन्नौज, औरैया, हमीरपुर और फतेहपुर जिले की सीमा तक है.
प्रश्न – जिलाध्यक्ष बनने के बाद जिले की टीम से लेकर बूथ स्तर तक कैसे और कब तक गठन होगा ?
उत्तर – जिले में जितने भी वरिष्ठ नेता और पूर्व जिलाध्यक्ष रहे हैं, उन सभी से मिल कर उनके अनुभवों का लाभ लेते हुए सबसे पहले जिले का गठन किया जाएगा. मंडल और बूथ तो पहले ही गठित हो चुके हैं और जहां पर किन्हीं कारणों से गठन नहीं हो सका है, वहां पर प्रदेश नेतृत्व के आदेश पर क्षेत्रीय अध्यक्ष, वरिष्ठ जनों और जन प्रतिनिधियों की सलाह पर गठन प्रक्रिया पूरी की जाएगी.
प्रश्न – आपके सामने सबसे पहले अगले वर्ष यानी 2026 में जिला पंचायत चुनाव प्रत्याशित हैं, इसमें क्या रणनीति रहेगी ?
उत्तर – जी हां, यह सही है कि 2026 में पंचायत चुनाव होने हैं, वर्तमान में जिला पंचायत अध्यक्ष से लेकर ग्राम पंचायतों तक अधिकांश भाजपा के ही फिर भी जिन स्थानों पर भाजपा का प्रतिनिधित्व नहीं है, वहां पर पूरा जोर लगाया जाएगा ताकि हर स्थान पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा का झंटा लहराने का प्रयास होगा.
प्रश्न – आपके कार्यकाल में ही 2027 में विधानसभा के होने वाले चुनाव बड़ी चुनौती है, इन चुनावों में कैसे जीत हासिल होगी क्योंकि विपक्ष लगातार चुनौती दे रहा है ?
उत्तर – देखिए, ग्रामीण जिले में तीन विधानसभा क्षेत्र हैं जिनमें से वर्तमान में बिठूर में भाजपा के अभिजीत सिंह सांगा, बिल्हौर में राहुल बच्चा सोनकर और घाटमपुर जहां से मैं स्वयं भी उप चुनाव में जीत चुका हूं, वर्तमान में गठबंधन की सरोज कुरील विधायक हैं. वैसे तो इन तीनों सीटों पर पार्टी मजबूत स्थित में है, फिर भी जिन क्षेत्रों में पार्टी किन्हीं कारणों से कमजोर नजर आएगी या वहां के जन प्रतिनिधि कोई सुझाव देंगे, उनके अनुसार फोकस किया जाएगा. कार्यकर्ताओं में बहुत जोश है, सरकार की योजनाओं को निचले स्तर तक पहुंचाया जा रहा है, सरकारी योजनाओं के लाभार्थी भी संपर्क में हैं और मोदी-योगी की नीतियों के चलते उनके मन में विश्वास है कि 2027 के चुनावों में भाजपा की जीत सुनिश्चित है इसलिए वे भाजपा प्रत्याशियों को जिताने का मन भी से बना चुके हैं.