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डीएम के औचक निरीक्षणों से सरकारी महकमों में हड़कंप

DM surprise inspections impact
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कड़ी कार्रवाई से सरकारी कार्यालय हुये ‘राइट टाइम’

जनमानस ने जिलाधिकारी का दिल से जताया आभार

कहा कि- बहुत बहुत धन्यवाद है आपका डीएम सर


आलोक अग्रवाल/दीनार टाइम्स
कानपुर। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह के औचक निरीक्षणों से सरकारी ऑफिस अब राइट टाइम हो गये हैं। लापरवाह अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ की गई जिलाधिकारी की कार्रवाई से जनमानस में खुशी की लहर है। मालूम हो कि व्यवस्था और अनुशासन के प्रति कठोर जिलाधिकारी श्री सिंह ने कार्यभार संभालने के तुरंत बाद से ही सरकारी विभागों के कार्यालयों की स्थिति का जायजा लेना शुरु कर दिया था।


जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह के औचक निरीक्षणों से जहां सरकारी विभागों की हकीकत खुलकर सामने आ गई। वहीं, सरकारी महकमों में हड़कंप मच मच गया। अपने हिसाब से चलने वाले सरकारी विभागों के अधिकारी व कर्मचारी समय से सीट पर मौजूद रहने लगे हैं क्यूंकि किसी को पता नहीं रहता है कि डीएम साहब की फ्लीट किस समय किस ऑफिस में धमक जाये। उपस्थिति पंजिका में उपस्थिति अगर दर्ज नहीं है तो समझो कार्रवाई होना तय हैजिलाधिकारी श्री सिंह ने ताबड़तोड़ निरीक्षण करके दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की हैं।

काशीराम हॉस्पिटल के औचक निरीक्षण के दौरान 64 कर्मचारी एवं डॉक्टर अनुपस्थित पाए गए थे। अनुपस्थित कर्मचारियों एवं डाक्टरों का वेतन रोक दिया गया। शासन की प्राथमिकता के अनुरूप आम जनमानस को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने सुबह 8 बजकर 35 मिनट पर काशीराम हॉस्पिटल का औचक निरीक्षण किया था। इससे पहले किसी जिलाधिकारी ने इतनी जल्दी इतनी सुबह अस्पताल का निरीक्षण नहीं किया था।


जिलाधिकारी ने कड़ा रुख अपनाया और सभी अनुपस्थित डॉक्टरों का वेतन रोकने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी डॉक्टर शासन के दिशा-निर्देशों का समय से अनुपालन सुनिश्चित करें और नियमित रूप से ओपीडी में उपस्थित रहकर नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराएं, ताकि आमजन को किसी प्रकार की असुविधा न हो।


इसी तरह शुक्रवार को नगरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, कृष्णा नगर का औचक निरीक्षण 9 बजकर 10 मिनट पर डीएम श्री सिंह ने किया। निरीक्षण के समय केंद्र पर केवल स्टाफ नर्स श्रीमती लार्सा सिंह उपस्थित थीं, जबकि केंद्र प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. निशा गांधी अनुपस्थित थीं। डॉ. निशा गांधी के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए गए और अनुपस्थित कर्मचारियों का आज का वेतन रोका गया।