भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए वर्ष 1975 में लगाए गए आपातकाल को भारत के लोकतांत्रिक इतिहास का सबसे काला अध्याय बताया। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार यहूदी आज भी अपने साथ हुए अत्याचार को नहीं भूले, उसी प्रकार भारतीय जनता को भी 26 जून 1975 की सुबह को याद रखना चाहिए, जब देश की नींद टूटी और उसे पता चला कि आपातकाल लग चुका है।
धनखड़ ने कहा कि एक अंग्रेजी अखबार ने उस दिन लिखा था – “संविधान की हत्या करने वालों को भारत के नवजवानों को नहीं भूलना चाहिए।” भारतीय जनता पार्टी उसी संकल्प के साथ इस दिन को ‘आपातकाल दिवस’ के रूप में मनाती है ताकि देश की नई पीढ़ी को बताया जा सके कि किस प्रकार तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने संविधान और लोकतंत्र की हत्या की थी।
उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा – “आई से इंडिया, आई से इंदिरा” बताने वाली कांग्रेस आज संविधान की दुहाई देती है। वही कांग्रेस जो कल तक संविधान को कुचल रही थी, आज राहुल गांधी के माध्यम से संविधान की किताब हाथ में लेकर घूम रही है और स्वयं को लोकतंत्र का रक्षक बता रही है।
धनखड़ ने आगे कहा कि आपातकाल के दौरान धार्मिक, सामाजिक और राजनैतिक नेताओं को बिना किसी अपराध के जेलों में ठूंस दिया गया। अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, राजनारायण, कल्याण सिंह सहित हजारों नेताओं को मीसा और डीआईआर जैसे काले कानूनों में बंद कर दिया गया। हजारों परिवारों पर अत्याचार किए गए, बोलने की आज़ादी छीन ली गई, मीडिया पर सेंसरशिप थोप दी गई।
उन्होंने कहा कि 1976 में होने वाले आम चुनावों को भी टाल दिया गया और 1977 में जब जनता को बोलने का मौका मिला तो कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा। यह लोकतंत्र की ताकत थी जिसने एक सत्तावादी शासन को उखाड़ फेंका।
धनखड़ ने कहा कि आज भी वे लोग जो उस समय संविधान की हत्या के दोषी थे, अपने परिवार को ही देश समझते हैं। ऐसे परिवारवादी मानसिकता वाले दलों से सावधान रहने की आवश्यकता है।
भाजपा इस ऐतिहासिक सच्चाई को जन-जन तक पहुंचाने के लिए संगोष्ठियों, प्रदर्शनों, प्रदर्शनियों एवं मॉक पार्लियामेंट जैसे कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है ताकि देश की नई पीढ़ी लोकतंत्र की कीमत समझ सके।
पत्रकार वार्ता के उपरांत राष्ट्रीय मंत्री ओम प्रकाश धनखड़,क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल,सांसद देवेंद्र सिंह भोले,महापौर प्रमिला पांडे,जिला अध्यक्ष अनिल दीक्षित,शिवराम सिंह,उपेंद्र पासवान,नीलिमा कटियार,स्वप्निल वरुण आदि नेताओं संग आपातकाल की यातना की प्रदर्शनी का लोकार्पण कर इमली का वृक्ष लगा पौधा रोपण किया ।और बैरिस्टर नरेंद्र जीत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया
आपातकाल पर बीएनएसडी शिक्षा निकेतन में आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि आज जब हम आपातकाल के 50 वर्ष पूर्ण कर रहे हैं देख रहे हैं कि लोकतंत्र सेनानियों की तीसरी पीढ़ी आज राजनीतिक क्षेत्र में काम कर रही है उनको भी पता होना चाहिए की संविधान की हत्या कर कांग्रेस ने उनके पूर्वजों को बिना किसी अपराध के मां भारती सेवा करने के कारण जेल में ठूंस दिया गया ।
क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल ने कहा कि इस देश में संविधान को हाथ में लेकर घूमने वाले परिवारवादी लोगों ने संविधान को अपने परिवार का संविधान बना कर रख दिया 1975 से पूर्व भी सरदार पटेल के पास बहुमत होने के बाद भी जवाहर लाल नेहरू को देश का प्रधानमंत्री बनाया ।
संगोष्ठी के उपरांत लोकतंत्र सेनानी रामदेव शुक्ला जगन्नाथ गुप्ता,,लाले भदौरिया,हरीश मतरेजा,संतोष मिश्रा,अरुण गुप्ता सहित 65 लोगों को शाल ,पहनाकर कर प्रतीक चिन्ह प्रमाण पत्र देकरसम्मानित किया गया प्रेस वार्ता का संचालन जिला मीडिया प्रभारी अनुराग शर्मा ने किया।
संगोष्ठी की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष अनिल दीक्षित ने की संगोष्ठी में प्रमुख रूप से एम एल सी अरुण पाठक,वेणु रंजन भदौरिया,पूर्व विधायक गणेश दीक्षित,संतोष शुक्ला,अनुराग शुक्ला,सर्वेश यादव अनूप अवस्थीपरमानंद शुक्ला जनमेजय सिंह,आकाश शुक्ला शिवांग मिश्रा, प्रमोद विश्वकर्मा, सीमा एम बी ए, रोहित साहू सहित सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे।