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फर्जी खतौनी से कब्जाई 10 करोड़ की जमीन एसडीएम ने ग्राम सभा में की निहित

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अश्विनी शुक्ल, प्रमुख संवाददाता | कानपुर देहात

मैथा तहसील के बैरी सवाई गांव में लगभग 10 करोड़ रुपए मूल्य की 18 बीघा जमीन को फर्जी तरीके से खतौनी में दर्ज कराकर बेचने का मामला सामने आया है। जांच के बाद 28 मार्च 2025 को एसडीएम मैथा सुरभि शर्मा ने जमीन को ग्राम समाज के नाम निहित करने का आदेश दिया, जिससे वर्षों से चल रही अवैध खरीद-फरोख्त पर रोक लगी।

🧾 कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?

  • ग्राम सभा की ज़मीन (खाता सं. 0069 व 0070) सरकारी रिकॉर्ड में “जंगल ढाक” व “उसर” के नाम दर्ज थी।
  • तत्कालीन लेखपाल ने बिना किसी आवंटन या पत्रावली के, यह ज़मीन सुषमा देवी, सुलेमान, इरफान जैसे स्थानीय लोगों के नाम सन 1386 फसली वर्ष में फर्जी रूप से दर्ज कर दी।
  • वर्ष 1997 में एसडीएम अकबरपुर ने इन फर्जी खातेदारों के नाम निरस्त कर दिए, लेकिन उन्होंने कमिश्नर न्यायालय में चुनौती देकर भूमि को फिर से अपने नाम करवा लिया और उसका विक्रय करना शुरू कर दिया

📚 SDM की सख्त कार्रवाई

  • ग्राम समाज के अधिवक्ता द्वारा UP राजस्व संहिता 2006 की धारा 38(5) के अंतर्गत न्यायालय में वाद प्रस्तुत किया गया।
  • तहसीलदार मैथा द्वारा की गई जांच में फर्जी खतौनी की पुष्टि हुई।
  • एसडीएम ने आदेश पारित कर 18 बीघा जमीन को पुनः ग्राम सभा के नाम दर्ज करने और सभी फर्जी खातों को निरस्त करने का निर्देश दिया।

🔍 जमीन की स्थिति और बदलाव

  • गाटा संख्या 1386 (1.690 हेक्टेयर) और गाटा संख्या 1550 (2.010 हेक्टेयर) की जमीन, जो विभिन्न व्यक्तियों के नाम पर थी, अब फिर से “जंगल ढाक” व “उसर” के नाम दर्ज की जाएगी।
  • तहसीलदार को निर्देश दिया गया है कि सभी अवैध कब्जे हटाकर जमीन को ग्राम समाज में सुरक्षित किया जाए

⚖️ महत्वपूर्ण बयान

एसडीएम सुरभि शर्मा ने बताया कि:

“इस कार्रवाई से ग्राम सभा को लगभग 10 करोड़ रुपये के नुकसान से बचाया गया है। इसी तरह की अन्य ज़मीनों की जांच प्रक्रिया भी चल रही है, जल्द ही और भी ज़मीनें ग्राम समाज में सुरक्षित की जाएंगी।”