कानपुर होजरी उद्योग का एक प्रमुख केंद्र है, लेकिन हाल के केंद्रीय बजट में इसका नाम तक नहीं लिया गया। यह स्थिति निराशाजनक है, क्योंकि होजरी उद्यमियों को उम्मीद थी कि बजट में इस क्षेत्र के लिए विशेष प्रावधान किए जाएंगे।
होजरी उद्योग की मांग
होजरी उद्यमियों ने लंबे समय से यूपी में होजरी क्लस्टर और कॉमन फैसिलिटी सेंटर (सीएफसी) की स्थापना की मांग की है। यह कदम उद्योग को बढ़ावा देने और उद्यमियों को उनकी दैनिक चुनौतियों से निपटने में मदद कर सकता है। कानपुर में होजरी उद्योग अब मुख्य रूप से कुटीर उद्योग के रूप में चल रहा है, जिसमें पूरा परिवार लगा हुआ है।
बजट में उपेक्षा
केंद्रीय बजट में होजरी उद्योग को कोई विशेष पैकेज नहीं मिला। हालांकि, बिहार के लिए कई घोषणाएं की गई हैं, जो संभवतः वहां के आगामी चुनावों को ध्यान में रखकर की गई हैं। उद्यमियों का मानना है कि कानपुर, जो यूपी का सबसे बड़ा रेवेन्यू जनरेटर है, को भी इस तरह के प्रोत्साहन की आवश्यकता है।
आयकर छूट का प्रभाव
बजट में आयकर छूट की सीमा को बढ़ाकर 12 लाख रुपये करने से जनता को कुछ राहत मिली है। इससे बाजार में पैसे का प्रवाह बढ़ने की उम्मीद है, जिसका लाभ विभिन्न निर्माताओं और व्यापारियों को मिल सकता है। हालांकि, इसका वास्तविक प्रभाव आने वाले समय में ही स्पष्ट होगा।
निष्कर्ष
कानपुर की होजरी इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए सरकार को विशेष पैकेज और सुविधाएं प्रदान करनी चाहिए। यह कदम न केवल उद्योग को फलने-फूलने में मदद करेगा, बल्कि कानपुर की पुरानी पहचान को भी पुनर्जीवित करेगा।