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महाकुंभ ने सिखाया धर्म और संस्कृति से आत्मीय लगाव: पं. नरेंद्र शर्मा

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महाकुंभ ने सिखाया धर्म और संस्कृति से आत्मीय लगाव: पं. नरेंद्र शर्मा

प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ ने न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया को एक बड़ा संदेश दिया है। तिरंगा अगरबत्ती के निदेशक और समाजसेवी पंडित नरेंद्र शर्मा ने महाकुंभ के अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि इस महापर्व ने हमें धर्म, संस्कृति और आध्यात्मिकता से गहरा लगाव सिखाया है।

धर्म और संस्कृति का महत्व

पंडित नरेंद्र शर्मा ने कहा कि महाकुंभ ने हमें यह सिखाया कि धर्म में बहुत ताकत है, लेकिन हमें पूरी ईमानदारी से सत्य के मार्ग पर चलकर प्रभु का स्मरण करना चाहिए। उन्होंने कहा, “महाकुंभ ने हमें बहुत कुछ सिखाया है। यह धर्म का सबसे बड़ा संगम है, जहां पूरी दुनिया से लोग आते हैं। हमारी सभ्यता और संस्कृति अद्वितीय है, और इसे समझना हम सभी के लिए जरूरी है।”

महाकुंभ का अद्भुत अनुभव

पंडित नरेंद्र शर्मा ने महाकुंभ के दौरान हुए अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि यह एक दिव्य और अलौकिक अनुभव था। उन्होंने कहा, “महाकुंभ में जो नजारा देखने को मिला, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। एक से बढ़कर एक महान संतों का सानिध्य मिला, जिसने जीवन को अद्भुत बना दिया।”

युवाओं के लिए संदेश

महाकुंभ ने युवाओं को भी एक नया संदेश दिया है। पंडित नरेंद्र शर्मा ने कहा कि युवाओं को अपनी संस्कृति और धर्म से जुड़ाव बनाए रखना चाहिए। उन्होंने कहा, “धर्म की ताकत को समझना हम सभी के लिए जरूरी है। महाकुंभ ने हमें यह सिखाया कि सत्य और ईमानदारी के मार्ग पर चलकर ही हम सच्चे मायनों में प्रभु का स्मरण कर सकते हैं।”

महाकुंभ का प्रभाव

पंडित नरेंद्र शर्मा ने कहा कि महाकुंभ में कई दिनों तक रहने का मौका मिला, जो उनके लिए एक सौभाग्यपूर्ण अनुभव था। उन्होंने कहा, “प्रयागराज का हर लम्हा अविस्मरणीय था। महाकुंभ ने हमें धर्म और संस्कृति का सबसे बड़ा पाठ पढ़ाया। यह अनुभव मेरे जीवन को और भी समृद्ध बना गया।”

निष्कर्ष

महाकुंभ ने न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया को धर्म, संस्कृति और आध्यात्मिकता का महत्व समझाया है। पंडित नरेंद्र शर्मा के अनुसार, यह महापर्व हमें अपनी जड़ों से जुड़े रहने और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।