-अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद और राष्ट्रीय बजरंग दल के अध्यक्ष डॉ प्रवीण भाई तोगड़िया ने दीनार टाइम्स से की एक्सक्लूसिव बातचीत
अंजनी निगम, डीटीएनएन
कानपुर , पहलगाम की घटना इसलिए अलग प्रकार की है क्योंकि इसमें आतंकियों ने पर्यटकों को घेर कर उनसे धर्म पूछा और कलमा पढ़ने को कहा, चुन-चुन कर 26 हिंदुओं को उनका धर्म पूछ कर मारा है. प्रखर हिंदुत्व और राष्ट्रवादी डॉ प्रवीण भाई तोगड़िया पहलगाम की घटना को लेकर बहुत उत्तेजित हैं और हिंदू समाज को आतंकियों के खिलाफ डाइरेक्ट इकोनॉमिक एक्शन लेने को जागरूक कर रहे हैं.
प्रश्न – पहलगाम की घटना को लेकर आपकी क्या प्रतिक्रिया है ?
उत्तर – पहलगाम की घटना में मारे गए हिंदुओं के प्रति मैं अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं, अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद और राष्ट्रीय बजरंग दल घटना से प्रभावित परिवारों के साथ खड़ा है. इस आतंकी घटना ने बता दिया है कि भारत में अभी भी आतंकवाद जिंदा है, इस आतंकवाद को खत्म कर देश की हर तरह से सुरक्षा का कार्य करना होगा.
प्रश्न – पहलगाम की आतंकी घटना को आप किस तरह से देखते हैं ?
उत्तर – अभी तक कई नेता कहा करते थे कि आतंकवाद का कोई मजहब नहीं होता है, किंतु अब तो इस घटना ने स्पष्ट प्रमाण दे दिया है कि भारत में मजहब के नाम पर ही आतंकवाद है और तेजी से फल फूल रहा है. पर्यटन के उद्देश्य से गए लोगों को घेर कर उनसे आतंकियों ने कहा कि कलमा पढ़ कर दिखाओ. यह सब जिहादी मजहबी आतंकवाले हैं इनको कुचलना होगा और ऐसा कुचलना होगा कि फिर कभी फन न फैला सकें.
प्रश्न – यह हमला टारगेटेड हिंदू हमला है, आप हिंदू समाज को क्या संदेश देना चाहेंगे ?
उत्तर – देश के सौ करोड़ हिंदुओं से आह्वान करूंगा कि पहलगाम के हमले का बदला लेना है तो कश्मीर के टूरिज्म का बहिष्कार करो, आखिर वहां पर घूमने कौन जाता है. पूरे देश से हिंदू समाज के लोग ही तो जाते हैं जो पर्यटन के नाम पर वहां पर पैसा खर्च करते हैं.
प्रश्न – आप कश्मीर पर्यटन के बहिष्कार की बात क्यों कह रहे हैं ?
उत्तर – एक बात साफ है कि स्थानीय लोगों के सहयोग के बिना आतंकवाद हो ही नहीं सकता है. माना जा सकता है कि आतंकवादी बाहर से आए किंतु उन्हें देश के अंदर आने की राह तो स्थानीय लोगों ने ही दिखाई, इन्हीं लोगों ने उन्हें रसद पानी भी मुहैया कराया. स्थानीय लोगों की आमदमी की सबसे बड़ा स्रोत तो टूरिज्म ही है और ये स्थानीय लोग आतंकवादियों को बुला कर उन्हें पनाह देकर टूरिस्टों को मरवा रहे हैं.
प्रश्न – टूरिज्म के मामले में कश्मीर की तुलना स्वर्ग से की जाती है है, सैलानी यहां पर न जाएं तो फिर कहां जाएं.
उत्तर – बहुत अच्छा प्रश्न किया आपने, देश में कश्मीर के अलावा भी बहुत से पर्यटन स्थल है कुछ पर्वतीय भी हैं. टूरिज्म के लिए जाना है तो उत्तराखंड जाओ, हिमांचल जाओ, दार्जलिंग, असम, कोडाईकनाल, ऊटी, गोवा, महाबलेश्वर जाओ और प्रकृति का आनंद लो सुरक्षित रहो.
प्रश्न – इस समय आतंकवाद के खिलाफ सरकार एक्शन में है, प्रधानमंत्री मोदी विदेश का दौरा बीच में ही छोड़ कर देश में आ गए और रणनीति बना रहे हैं ?
उत्तर – प्रधानमंत्री का यह कदम अच्छा है, निश्चित रूप से सरकार आतंकवादियों को करारा जवाब देगी किंतु साथ ही अब हिंदू समाज को भी इस मामले में पहल करनी होगी. कश्मीर में जाकर हमें मारने वालों को समर्थन देने वालों को मजबूत करने का काम हिंदू समाज अब नहीं करेगा. इतना ही नहीं देश भर में कश्मीर सेव का भी बहिष्कार करो. यदि हमने ऐसा किया तो सरकार के प्रयासों को भी समर्थन मिलेगा. जब तक जिहादियों को समर्थन देने वाली स्थानीय शक्तियों को कमजोर नहीं करेंगे, जिहादी आतंकवाद रुकेगा नहीं.