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24 वर्षों से अनवरत शिव आराधना में लीन संस्था ने किया 313 वां शिवार्चनडीटीएनएन, कानपुर

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शिवरात्रि के अवसर पर नगर के सभी मंदिरों में भव्य सजावट के साथ ही पूजा अर्चना की गयी. श्री आनन्देश्वर मंगला परिवार ने भी सर्वोदय नगर स्थित श्री सर्वेश्वर महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि पर पूरी रात रुद्राभिषेक कर 313 वां शिवार्चन पूर्ण किया.


संस्था प्रत्येक माह शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली प्रदोष तिथि को किसी न किसी मंदिर में रुद्राभिषेक का आयोजन करती है. शिवरात्रि जैसे महापर्व पर भी संस्था चार प्रहर का विशेष शिवार्चन करती है. संस्था के प्रमुख प्रवीन वाजपेयी बताते हैं कि उनके पिता पंडित राजन लाल वाजपेयी, शैलेन्द्र तिवारी और गंगा सफाई अभियान चलाने वाले गंगा पीठ के पीठाधीश्वर पंडित राम जी त्रिपाठी परमट स्थित आनन्देश्वर मंदिर में नित्य मंगला आरती में शामिल होने जाते थे.

आरती सम्पन्न होने के बाद तीनों ने बैठकर विचार किया कि नगर ऐसे शिव मंदिरों में जहां नियमित पूजा अर्चना की कोई व्यवस्था नहीं है, प्रत्येक माह शुक्ल पक्ष की प्रदोष तिथि को रुद्राभिषेक का आयोजन किया जाना चाहिए. उन्होंने आचार्य पंडित राजेन्द्र तिवारी से बात की तो उन्होंने इसकी सहर्ष सहमति देते हुए कहा कि वे स्वयं और आने वाले अन्य आचार्य इस कार्य के लिए कोई भी दक्षिणा नहीं लेंगे. पहला आयोजन 14 जनवरी 2001 दिन रविवार को सर्वोदय नगर के सर्वेश्वर मंदिर में हुआ और तब से लगातार जारी है. इस बीच संस्थापक पंडित राजन लाल वाजपेयी का 2002 और पंडित शैलेन्द्र तिवारी का 2005 में निधन हो गया.

दोनों संस्थापकों की मृत्यु से संस्था को झटका तो लगा किंतु तब तक संस्था से जुड़े अन्य लोग आगे आए कि भगवान भोलेनाथ का यह कार्य जारी रहेगा. तब से सभी लोग मिल कर भगवान शंकर की आराधना के कार्य को कर रहे हैं. सबका मानना है कि यह भोलेनाथ की ही इच्छा है. संस्था वर्ष में एक बार जून माह में नगर के बाहर किसी स्थान पर रुद्राभिषेक करने जाती है जिनमें हरि की पैड़ी हरिद्वार, त्र्यम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र्, बाबा काशी विश्वनाथ वाराणसी, कैली देवी राजस्थान, वृन्दावन, जागेश्वर महादेव नैनीताल, नैमिषारण्य सीतापुर, जगन्नाथ पुरी आदि में आयोजन किए जा चुके हैं.


श्री आनन्देश्वर मंगला परिवार का इस बार 313 वां आयोजन रात्रि करीब साढ़े नौ बजे विशिष्ट मुहूर्त में प्रारंभ हुआ और चारो प्रहर की पूजा के बाद प्रातः सात बजे आरती के साथ पूर्णता हुई. संस्था के अध्यक्ष प्रमुख आचार्य पंडित राजेन्द्र तिवारी की अगुवाई में हुए कार्यक्रम में प्रमुख रूप से राकेश पांडेय, विवेक दीक्षित, राजू कपूर, शिवम तिवारी, विशाल द्विवेदी, अजीत तिवारी, शंकर शर्मा, संतोष शर्मा आदि रहे.