एक्टर सलीम ज़ैदी को लोकप्रिय सिचुएशनल कॉमेडी ‘भाबीजी घर पर हैं‘ में अपनी बेहतरीन कॉमिक टाइमिंग और टिल्लू का मज़ेदार किरदार निभाने के लिये जाना जाता है। चतुराई से भरे अपने वन-लाइनर्स और धाराप्रवाह डायलॉग्स के साथ वह लगातार दर्शकों का मनोरंजन कर रहे हैं। इस खास इंटरव्यू में वह मनोरंजन के उद्योग में अपने सफर, चुनौतियों और टिल्लू की अनोखी आवाज के पीछे की प्रेरणा तथा कॉमेडी को लेकर अपने जुनून के बारे में बता रहे हैं।
एक एक्टर के तौर पर आपका सफर कैसा रहा?
एक्टर के तौर पर मेरे सफर में चुनौतियों के साथ ही सिखाने वाले अनुभव और खुश कर देने वाले पल भी थे। मुझे हमेशा से एक्टिंग का शौक था, लेकिन इंडस्ट्री में जगह बनाना आसान नहीं था, खासकर तब जबकि मेरी जान-पहचान के लोग इसमें नहीं थे। मैंने छोटी भूमिकाओं से शुरूआत की, थियेटर किया और धीरे-धीरे अपना रास्ता बनाया।
आपने सारे जोनर्स में से कॉमेडी को ही क्यों चुना?
कॉमेडी मेरे लिये स्वाभाविक है और मुझे लगा कि लोगों को हंसाना सबसे मुश्किल, लेकिन संतोष देने वाले कामों में से एक है। जब मुझे ‘भाबीजी घर पर हैं‘ में टिल्लू का किरदार निभाने का मौका मिला, तब वह मेरे कॅरियर का टर्निंग पॉइंट बन गया। इस किरदार से मुझे इंडस्ट्री और दर्शकों के बीच न सिर्फ पहचान मिली, बल्कि बहुत प्यार और सम्मान भी मिला।
टिल्लू के किरदार को निभाने में आपको कितना मज़ा आता है?
टिल्लू की आवाज और तकिया कलाम, जैसे कि ‘‘कसम खाके कह रिया हूँ सेठ जी, मेरी 6 महीने की तनखा दे दो, वरना गुर्दे छीन लूंगा’’ दर्शकों को बहुत पसंद आये हैं। मेरा सौभाग्य है कि मैंने इतनी यादगार चीजें दी हैं। मैंने शुरूआत में अलग-अलग टोन और स्टाइल के साथ प्रयोग किया था, क्योंकि मैं टिल्लू को आम साइडकिक कैरेक्टर्स से अलग करना चाहता था।
क्या आप कॉमेडी करते-करते कभी थकते भी हैं?
बिलकुल नहीं! कॉमेडी से बहुत एनर्जी मिलती है। जब आप अपनी पसंद का काम करते हैं, तब वह आपके काम में भी दिखता है। मैं कभी बोर नहीं होता हूँ और सच तो यह है कि कॉमेडी मुझे पॉजिटिव और एनर्जेटिक बनाये रखती है। मुझे कॉमेडी को परफॉर्म करने से ज्यादा देखना पसंद है! खाली समय में मैं हमेशा पुरानी कॉमेडी फिल्में और स्टैण्ड-अप एक्ट्स देखता हूं। इससे मेरी कला में निखार आता है