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प्रथम वार्षिक यदुपति सिंघानिया स्मृति व्याख्यान

डी टी एन एन,कानपुर।कानपुर ने आज अपने गौरवशाली सुपुत्र यदुपति सिंघानिया को समर्पित प्रथम वार्षिक यदुपति सिंघानिया स्मृति व्याख्यान के आयोजन के साथ श्रद्धांजलि अर्पित की। यह कार्यक्रम मर्चेंट्स चैंबर ऑडिटोरियम में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जिसमें सुशीला सिंघानिया (अध्यक्ष, जे.के. सीमेंट्स लिमिटेड), डॉ. मनींद्र अग्रवाल (निदेशक, आईआईटी कानपुर एवं मुख्य अतिथि), डॉ. प्रिया अब्राहम (मुख्य वक्ता एवं प्रोफेसर, सीएमसी वेल्लोर), अभिषेक सिंघानिया (अध्यक्ष, जीएचएस-आईएमआर), वर्षा सिंघानिया (उपाध्यक्ष, एसपीएराईसी), और पार्थो पी. कर (संयुक्त प्रबंध निदेशक, जेके एंटरप्राइजेज लिमिटेड) उपस्थित रहे।


अपने स्वागत भाषण में अभिषेक सिंघानिया (अध्यक्ष, जीएचएस-आईएमआर) ने यदुपति सिंघानिया को एक दूरदर्शी उद्योगपति के रूप में स्मरण किया, जिनका योगदान भारतीय उद्योग जगत पर अमिट छाप छोड़ गया। उन्होंने घोषणा की कि यदुपति सिंघानिया स्मृति व्याख्यान हर वर्ष आयोजित किया जाएगा, जहां विज्ञान, प्रौद्योगिकी और ललित कला के प्रसिद्ध विशेषज्ञ अपने विचार साझा करेंगे। इस पहल का उद्देश्य कानपुर में ज्ञान संस्कृति को बढ़ावा देना है, जो यदुपति सिंघानिया के दिल के बेहद करीब था ।


डॉ. मनींद्र अग्रवाल (निदेशक, आईआईटी कानपुर) ने इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि यह कानपुर के छात्रों और नागरिकों को नवीनतम ज्ञान और अनुभवों से समृद्ध करेगा। उन्होंने यदुपति की आईआईटी कानपुर से जुड़ी यात्रा को याद किया – एक छात्र के रूप में, एक पूर्व छात्र के रूप में, एक परोपकारी व्यक्ति और नवाचार के संवर्धनकर्ता के रूप में। उन्होंने कहा कि यह वार्षिक व्याख्यान कानपुर के शैक्षिक परिदृश्य में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित होगा, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नवाचार और अनुसंधान को आकर्षित करेगा, जिससे अंततः शहर और देश के आर्थिक भविष्य को लाभ मिलेगा।


इस अवसर पर ” यदुपति सिंघानिया: सीमेंटिंग हिस्ट्री” नामक एक संग्रह – पुस्तक का विमोचन किया गया, जिसमें यदुपति सिंघानिया के जीवन, उपलब्धियों और विरासत को समर्पित किया गया है। इस मोनोग्राफ का अनावरण सुशीला सिंघानिया, डॉ. मनींद्र अग्रवाल, डॉ. प्रिया अब्राहम, अभिषेक सिंघानिया, वर्षा सिंघानिया, पार्थो पी. कर, ए. के. सराओगी (उप प्रबंध निदेशक एवं मुख्य वित्त अधिकारी, जे. के. सीमेंट) और डॉ. राहुल गोयल (निदेशक, जीएचएस-आईएमआर) द्वारा किया गया। इस पुस्तक में यदुपति जी के उद्योग में अग्रणी योगदान, नवाचार के प्रति उनकी प्रतिबद्धता, और एक उद्यमी, नेता एवं परोपकारी व्यक्ति के रूप में उनकी विरासत को दर्शाया गया है।


प्रथम यदुपति सिंघानिया स्मृति व्याख्यान में डॉ. प्रिया अब्राहम मुख्य वक्ता रहीं, जो भारत में कोविड- 19 वैक्सीन अनुसंधान की अग्रणी वैज्ञानिक हैं और राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी), पुणे की निदेशक रह चुकी हैं। उन्होंने “अदृश्य शत्रु के विरुद्ध युद्ध” विषय पर एक रोचक और विचारोत्तेजक व्याख्यान दिया। इस सत्र में उभरती संक्रामक बीमारियों की चुनौतियाँ, टीका विकास में वैज्ञानिक प्रगति, और वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा का भविष्य जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई। उनकी विशेषज्ञता और दृष्टिकोण ने इस आयोजन को वास्तव में ज्ञानवर्धक बना दिया। पार्थो पी. कर ने इस मोनोग्राफ के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “यह पुस्तक केवल एक ग्रंथ नहीं, बल्कि यदुपति सिंघानिया की उत्कृष्टता की अनवरत खोज का प्रमाण है। यह युवा उद्यमियों, छात्रों और उद्योग विशेषज्ञों के लिए एक प्रेरणास्त्रोत होगी।”


अंत में, ए.के. सराओगी (उप प्रबंध निदेशक एवं मुख्य वित्त अधिकारी, जे. के. सीमेंट) ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। उन्होंने मीडिया प्रतिनिधियों, उद्योग विशेषज्ञों, शिक्षाविदों और व्यापार जगत की प्रतिष्ठित हस्तियों का इस अवसर पर उपस्थित होने के लिए आभार व्यक्त किया और आशा व्यक्त की कि वे आने वाले वर्षों में भी इस पहल का समर्थन करेंगे।
कार्यक्रम का समापन राष्ट्रीय गान के साथ हुआ।इस गरिमामयी अवसर पर चिकित्सा, उद्योग, शिक्षा, प्रशासन, मीडिया और खेल सहित विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने भाग लिया।