प्रमुख संवाददाता/दीनार टाइम्स
कानपुर। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह के निर्देश पर जनपद में आम जनमानस को बेहतर सुविधा देने एवं उनको दी जाने वाली सुविधाओं में खलल न पड़े, इसके लिए उन्होंने जिले में कॉल बिफोर यू डिग (सीबीयूडी) मोबाइल ऐप के माध्यम से किसी सार्वजनिक कार्य हेतु खुदाई एवं उत्खनन करने से पूर्व इस ऐप में सूचना दी जाएगी, इसके लिए जिला एडमिन बनाते हुए अपर जिलाधिकारी (नगर) डॉ. राजेश कुमार को नोडल अधिकारी के तौर पर नियुक्त किया गया है।
जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह के निर्देश पर जनपद में समस्त विभागों द्वारा नामित सभी खुदाई एजेंसियों को किसी प्रकार भी प्रकार की खनन गतिविधि प्रारंभ करने से पूर्व कॉल बिफोर यू डिग (सीबीयूडी)का उपयोग करना अनिवार्य होगा यानी पूर्व सूचना देना अनिवार्य है। जनपद में अब से किसी भी प्रकार की खुदाई के लिए स्वीकृति देते समय सभी विभागों को अनुमोदन पत्र में इस आशय का उल्लेख करना होगा कि सार्वजनिक स्थानों या सड़कों की खुदाई करने वाली कोई भी एजेंसी जनपद में खुदाई शुरू करने से पहले ब्ठनक् ऐप पर स्थान की सूचना अवश्य दें।
क्या है कॉल बिफोर यू डिग (सीबीयूडी) ऐप –
सीबीयूडी ऐप,एक अभिनव पहल है, जिसे दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने बीआईएसएजी-एन की मदद से विकसित किया है। सीबीयूडी को प्रधानमंत्री द्वारा 22 मार्च 2023 को लॉन्च किया गया। उपयोग और बल्क यूजर क्रिएशन की बेहतर निगरानी के लिए ब्ठनक वेब पोर्टल (बइनक.हवअ.पद) भी उपलब्ध है।अधिकार क्षेत्र में परिवर्तन के लिए (राज्य, जिला, तहसील, विभाग, एजेंसी) पैरेंट लेवल उपयोगकर्ता एक ही मोबाइल नंबर से निर्माण या विलोपन ऑपरेशन कर सकता है।
क्यों पड़ी जरूरत इस ऐप की –
सीबीयूडी मोबाइल एप्लिकेशन दूरसंचार विभाग, संचार मंत्रालय की एक पहल है, जिसका उद्देश्य ऑप्टिकल फाइबर केबल जैसी अंतर्निहित संपत्तियों को होने वाले नुकसान को रोकना है, जो कि असंगठित खुदाई और खनन के कारण होता है, जिससे देश में हर साल लगभग 3,000 करोड़ रुपये का नुकसान होता है. यह सड़क, दूरसंचार, पानी, गैस और बिजली जैसी आवश्यक सेवाओं में कम व्यवधान के कारण संभावित व्यावसायिक नुकसान को बचाएगा और नागरिकों को होने वाली परेशानी को कम करेगा.
ऐप, ऐसे करता है काम –
सीबीयूडी ऐप एक्सक्वेटर्स और संपत्ति के मालिकों को एसएमएस/ईमेल सूचनाओं और क्लिक-टू-कॉल के माध्यम से जोड़ेगा ताकि भूमिगत संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए जिले में योजनाबद्ध तरीके से खुदाई की जा सके. इसका उद्देश्य खुदाई करने वाली कंपनियों को संपर्क का एक बिंदु देना है, जहां वे खुदाई का काम शुरू करने से पहले मौजूदा उपसतह उपयोगिताओं के बारे में पूछताछ कर सकें. यूटिलिटी वर्कर्स स्थान पर घट सकने वाली किसी अशुभ घटना के बारे में भी पहले से पता लगा सकते हैं.