लखनऊ, 16 मई: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में निर्देश दिया कि 15 जून से पहले सभी बाढ़ बचाव कार्य पूरे कर लिए जाएं। उन्होंने कहा कि मानसून से पहले पूर्व तैयारी बेहद आवश्यक है ताकि संभावित आपदा से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके।
🗺️ बाढ़ प्लेन जोनिंग में अग्रणी बना उत्तर प्रदेश
मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश फ्लड प्लेन जोनिंग में देश के अग्रणी राज्यों में है। पिछले 8 वर्षों में राज्य में 1665 बाढ़ परियोजनाएं पूरी की गई हैं, जिससे 40.72 लाख हेक्टेयर भूमि को सुरक्षा मिली है और 319.14 लाख लोगों को इसका लाभ पहुंचा है।
“प्रत्येक परियोजना गुणवत्तापूर्ण और समयबद्ध तरीके से पूरी की जानी चाहिए।” – मुख्यमंत्री योगी
🌊 नदी ड्रेजिंग और चैनलाइजेशन: बाढ़ नियंत्रण का स्थायी समाधान
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि बाढ़ से बचाव के लिए नदी की ड्रेजिंग और चैनलाइजेशन सबसे दीर्घकालिक और प्रभावी उपाय हैं। 2018 से 2025 के बीच राज्य में 60 नदियों की ड्रेजिंग परियोजनाएं पूरी हुई हैं, जिससे 4.07 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि को लाभ मिला है और 23 लाख से अधिक लोग राहत में आए हैं।
🔄 नदी पुनरोद्धार अभियान को मिले नई गति
मुख्यमंत्री ने कहा कि नदी पुनर्जीवन एक युद्धस्तरीय अभियान होना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि सिंचाई, राजस्व, नमामि गंगे और नगर विकास विभाग आपसी समन्वय से लुप्त होती नदियों का पुनर्जीवन करें। साथ ही, प्रदूषित नदियों को स्वच्छ करना राज्य की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
🚱 नदियों में औद्योगिक अपशिष्ट पर पूर्ण रोक
योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट निर्देश दिए कि औद्योगिक अपशिष्ट किसी भी स्थिति में नदियों में न जाने पाए। उन्होंने कहा कि नदियों की स्वच्छता को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
🏞️ वरुणा और अस्सी नदी का होगा पुनर्जीवन और रिवर फ्रंट निर्माण
मुख्यमंत्री ने काशी की वरुणा और अस्सी नदियों का उल्लेख करते हुए कहा कि इनका ऐतिहासिक महत्व है। उन्होंने निर्देश दिया कि:
- वरुणा नदी की सफाई कराई जाए।
- रिवर फ्रंट का निर्माण हो।
- चेक डैम और रिजर्व वायर बनाकर पानी को सिंचाई में लाया जाए।
साथ ही, अस्सी नदी के पुनर्जीवन कार्य को जल्द प्रारंभ करने के निर्देश दिए।
🌿 यमुना की सफाई और नालों की टैपिंग को मिले गति
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि नमामि गंगे और सिंचाई विभाग मिलकर:
- यमुना नदी की सफाई और चैनलाइजेशन तेज करें।
- नालों की टैपिंग कर प्रदूषण को रोका जाए।
🚜 1129 सिंचाई परियोजनाओं से 5 मिलियन हेक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधा
पिछले 8 वर्षों में 1129 सिंचाई परियोजनाएं पूरी की गई हैं, जिससे 5019640 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा और 2.16 करोड़ कृषकों को सीधा लाभ मिला है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि:
- सरयू नहर, बाणसागर और अर्जुन सहायक परियोजनाएं अब पूर्ण हैं।
- इन्हें मिशन मोड में किसानों के खेत तक पानी पहुंचाने के लिए क्रियान्वित किया जाए।
⚠️ बाढ़ और सूखा अब केवल प्राकृतिक आपदा नहीं
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि बाढ़ और सूखा केवल प्राकृतिक आपदाएं नहीं, बल्कि प्रशासनिक तत्परता से रोकी जा सकने वाली चुनौतियां हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि:
- पूर्व तैयारी
- ठोस जल नीति
- और समन्वित प्रयास
ही राज्य को जल संकट से मुक्त और किसानों को समृद्ध बना सकते हैं।
📌 मुख्य बिंदु:
- सभी बाढ़ बचाव कार्य 15 जून तक पूरे हों।
- यूपी में 1665 बाढ़ परियोजनाएं और 1129 सिंचाई परियोजनाएं पूर्ण।
- नदी पुनर्जीवन, ड्रेजिंग और स्वच्छता पर विशेष जोर।
- फ्लड प्लेन जोनिंग में यूपी देश में अग्रणी।
- नमामि गंगे के तहत यमुना, वरुणा, अस्सी पर कार्य तेज।