एआई आधारित पढ़ाई 4000 गुना अधिक प्रभावी- डॉ. संजय काला
- एआई की आधुनिक तकनीक की मदद से इलाज आसान हुआ है
प्रमुख संवाददाता/दीनार टाइम्स
कानपुर। आईआईटी के प्रोफेसर जीएमवीएम मेडिकल कालेज के डॉक्टर्स को एआई का ज्ञान परोसेंगे। दरअसल, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज व आईआईटी कानपुर के बीच एक करार किया गया है, जिसके अंतर्गत अब आईआईटी प्रोफेसर्स मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस टूल्स (एआई टूल्स) का पाठ पढ़ाएंगे। जब डॉक्टर्स एआई टूल्स में पूरी तरह दक्ष हो जाएंगे तो उनके माध्यम से सारी जानकारी एमबीबीएस व पीजी के छात्रों को साझा की जाएंगी। इस पूरी कवायद का मकसद है मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स व छात्र एआई टूल्स की मदद से खुद को अपग्रेड करें और मरीजों के इलाज के दौरान आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर इलाज को आसान बना सकें।
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में आईआईटी के प्रोफेसर जल्द ही क्लास शुरू कर देंगे। जिसमें वह पहले चरण में डॉक्टर्स को एआई टूल्स की जानकारी से अवगत करायेंगे। इनका उपयोग कर कैसे मरीजों का इलाज किया जा सकता है, प्रशिक्षण के दौरान इस तरह के कई अन्य बिंदुओं पर विस्तार से बात करेंगे। उन्होंने बताया कि विदेशों में एआई आधारित पढ़ाई सालों से हो रही है। जो वहां शोध हुए हैं, उनके मुताबिक सामान्य पढ़ाई की अपेक्षा एआई आधारित पढ़ाई 4000 गुना अधिक प्रभावी है|
एआई टूल्स को लेकर प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया कि जब वह खुद पढ़ाई करते थे तो उस दौर में किताबों से यह जानकारी मिलती थी कि दिल कैसे धड़कता है या काम करता है। जब हम छात्रों को एआई टूल्स की मदद से यह पाठ पढ़ाएंगे तो वह थ्री डायमेंशनल विधि से हार्ट बीट को देख और समझ सकेंगे। प्राचार्य डॉ. संजय काला कहते हैं कि पिछले कुछ सालों से लगातार देखने में आ रहा है कि एआई का सभी जगह उपयोग किया जा रहा है। इस आधुनिक तकनीक की मदद से इलाज आसान हुआ है। मशीनों से जो काम हो रहा है, उसमें समय की बचत है। जो छात्र एआई टूल्स की पढ़ाई कर चुके हैं, उनके अंदर सीखने की क्षमता में जबर्दस्त इजाफा हुआ है।