- 11 लेखपालों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही, तीन को प्रतिकूल प्रविष्टि और एक को कारण बताओ नोटिस
प्रमुख संवाददाता/दीनार टाइम्स
कानपुर। छह माह बाद भी वरासत दर्ज न करने वाले 15 लेखपालों पर जिलाधिकारी जितंेद्र प्रताप सिंह ने कार्रवाई की है। जिलाधिकारी ने 23 अफसरों को गांव-गांव भेजकर इस मामले में जांच कराई।
निर्विवाद उत्तराधिकार वरासत के आवेदनों पर लेखपालों की लापरवाही बुधवार को अधिकारियों की जांच में सामने आई। सभी तहसीलों में कुल 454 कास्तकारों के निधन की जानकारी मिली। इनमें से 261 मामलों में लेखपालों ने वरासत दर्ज करने के लिए कोई कार्रवाई ही नहीं की। यह मामले करीब छह माह से लंबित पड़े थे। अधिकारियों की रिपोर्ट पर जिलाधिकारी ने 11 लेखपालों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही करने, तीन को प्रतिकूल प्रविष्टि की संस्तुति की है। एक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
गत मंगलवार को राजस्व की समीक्षा बैठक के दौरान निर्विवाद उत्तराधिकार वरासत के मामले लंबित होने पर 75वीं रैक हासिल होने की जिलाधिकारी को जानकारी हुई थी। इस पर उन्होंने नाराजगी जताई थी। उन्होंने अधिकारियों को जांच करने और छह माह से लंबित पड़े आवेदन पत्र मिलने पर संबंधित लेखपाल पर कार्रवाई करने के लिए कहा था। बुधवार सुबह एडीएम, सभी एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार बिल्हौर, नर्वल, घाटमपुर, कानपुर सदर समेत 23 अधिकारी तहसील के 15 गांवों में पहुंच गए। सभी अधिकारियों ने गांव-गांव पहुंचकर वरासत की हकीकत जानी तो लेखपालों की लापरवाही सामने आ गई। सबसे खराब हालत सदर और बिल्हौर तहसील की मिली। बिल्हौर तहसील के खेरवा में 39, सदर तहसील के दूल क्षेत्र में 33 मामले लंबित मिले। बिल्हौर के अहमदपुर नदिहा में 19 व रायपुर नदिहा में 15 लंबित मामले सामने आए। डीएम ने रिपोर्ट में लंबित मामलों को देखकर कार्रवाई के आदेश जारी कर दिए।
इन लेखपालों पर कार्रवाई-
बिल्हौर के जितेंद्र यादव, आकाश गुप्ता, सर्वेश यादव, सुधांशु और सदर तहसील के मानिक लाल गुप्ता, बृजेश शाक्य, विवेक कुमार, रोहित शुक्ला, दीपक वर्मा, हिमांशु वर्मा, नर्वल के विवेक कमल के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की संस्तुति की गई है। घाटमपुर के राम खिलावन भारती, राज कमल, निशि चौरसिया के खिलाफ प्रतिकूल प्रविष्टि और आलोक अवस्थी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।